mazionjal

सोमवार, १६ मार्च, २०१५

इन्तजार

बैठे थे दिये जला कर उनकी राह मै
कभी तो वो आयेंगे तो अंधेरा न रहे
दिये जल रहे थे आंखो के पानी के सांथ
राह तक रहे थे उम्मिदो के चीरागो के साथ
वो आये तो जरूर मगर
छुट गया सांसो का साथ ।।
…ग़ौरि

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा